How Whatsapp Earn Money | WhatsApp का बिजनेस मॉडेल क्या है? और ये कैसे काम करता है | Breaking News 2024

How Whatsapp Earn Money: दोस्तों आज WhatsApp वर्ल्ड में सबसे ज्यादा Use होने वाला मोबाइल मैसेंजर Application है। जिस पर डेली 100 बिलियन से ज्यादा मैसेज सेंड किये जाते हैं। और मौजूदा वक्त में इसके पास करीब 2 मिलियन से भी ज्यादा एक्टिव यूज़र्स हैं, जो 33.5 मिनट्स डेली WhatsApp पर अपना समय स्पेंड करते हैं। वहीं अगर हम WhatsApp के मंथली एक्टिव यूजर की बात करें तो अब तक यह संख्या 487 मिलियन से भी ज्यादा है।

दोस्तों आपने ये कहावत तो सुनी होगी, की If You are not Paying the Money Den You are the Prodect मतलब अगर कोई चीज आपको फ्री में मिल रही है तो आप समझ जाओ की प्रोडक्ट आप खुद हो टेक्नोलॉजी के इस एरा में जहां हर इंसान नए-नए तरीके अपना कर पैसे कमाने में लगा हुआ है। वही WhatsApp सब कुछ फ्री क्यों दे रहा है केवल Messages ही नहीं अब तो फिलिंग्स को शेयर करने के लिए इमोजीस जीआईएफ स्टिकर के साथ-साथ पूरा पैकेज भी दे दिया है भैया आखिर सब कुछ फ्री में देकर WhatsApp भावनाओं में क्यों बह रहा है।

आख़िरकार WhatsApp की कमाई कहाँ से होती है? 

आपके मन में एक सवाल तो जरूर होगा जब WhatsApp किसी से एक रुपया भी चार्ज नहीं करता तो ये कमाई कहां से करता हैं। आखिर WhatsApp का बिजनेस मॉडल क्या है और ये कैसे काम करता है। तो आइए जानते हैं। तो दरअसल जिस WhatsApp को हम और आप यूज़ करते हैं वो एक कंज्यूमर ऐप है जो टोटली फ्री है फेसबुक ने 2018 में WhatsApp बिजनेस को लांच किया था इसको अगर हम नॉर्मल WhatsApp की तरह यूज़ करते हैं तो ये भी बिल्कुल फ्री है आप कोई शॉप या बिजनेस चलाते हैं।

तो आप WhatsApp बिजनेस पर अपनी प्रोफाइल बनाकर अपनी वेबसाइट को डायरेक्ट WhatsApp से लिंक कर सकते हैं, इतना ही नहीं WhatsApp को फेसबुक से भी लिंक किया जा सकता है। जी हां जिससे कोई भी आपके फेसबुक प्रोफाइल पर जाकर डायरेक्टली आपको WhatsApp पर मैसेज कर सकता है। इसके लिए कोई भी चार्ज नहीं लिया जाता फेसबुक पर जब भी कोई ऐड रन होता है तो उसके जस्ट बगल से WhatsApp का आइकन दिखता है जिसके जरिए लोग डायरेक्ट WhatsApp पर मैसेज करके डील कर सकते हैं। (How Whatsapp Earn Money)

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अब क्योंकि WhatsApp फेसबुक का ही प्रोडक्ट है तो यहां हम कह सकते हैं कि व्हाट्सएप इनडायरेक्ट तरीके से फेसबुक को पैसे कमाने में मदद भी करता है। खैर ये तो इनडायरेक्ट तरीका हो गया, लेकिन WhatsApp का अपना खुद का बिजनेस मॉडल क्या है, सवाल तो ये है। दरअसल WhatsApp पैसा कमाने के लिए API यानी “Application Programming Interface” का Use करता है, API अब ये कोई नई बला है। तो चलिए इसे भी एक Example से समझते हैं। तो देखिए जैसे आपने Uber या फिर Ola का नाम तो सुना ही होगा, जो कि पैसेंजर को एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचाते हैं।

लेकिन ये लोकेशन को ट्रैक करने के लिए यह गूगल मैप के API मतलब एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस का Use करतें है, क्योंकि गूगल मैप गूगल का ही प्रोडक्ट है तो इस तरह से Uber या फिर Ola का गूगल के साथ Patch Up होता हैं। जिसके लिए ये कंपनी गूगल को अपने प्रॉफिट में से कुछ अमाउंट देती है यहां हमने आपको दो ही कंपनी के Example दिए हैं, लेकिन ऐसी और भी बहुत सारी कंपनी है। जो गूगल की सर्विसेज का यूज़ करती है जिस तरह से गूगल अपनी API का यूज़ करके करोड़ों रुपए कमाता है ठीक उसी प्रकार व्हाट्सएप भी बड़े बिजनेस से अपने API के जरिए पैसा कमाता है।

तो इसमें बेसिकली होता क्या है जब भी कोई बड़ी कंपनी अपने बिजनेस को ग्रो करने के लिए WhatsApp Platform का Use करती है। तो उन कंपनी को अपने प्रॉफिट में से कुछ Amount WhatsApp को देना होता है, जैसे कि जब आप “Book my Show” पर अपना टिकट बुक करते हैं, तो यह टिकट आपके WhatsApp पर आता है? ट्रेडिंग या फिर इंटरव्यू से रिलेटेड जो भी मैसेज आपके पास आते हैं जिसमें ब्लू टिक लगा होता है।

तो ये सभी WhatsApp के API का यूज़ करते हैं। जिसके लिए उन्हें WhatsApp को चार्ज देना होता है तो इस तरीके से भैया जितनी भी बड़ी-बड़ी कंपनी होती है जो कम्युनिकेशन के लिए व्हाट्सएप का प्लेटफार्म का यूज़ करती हैं। (How Whatsapp Earn Money)

इसके लिए ये सभी कंपनी WhatsApp को पैसा देती है अब WhatsApp से और पैसा कैसे बनाया जाए। इसके लिए “मार्क ज़ुकेरबर्ग” का खुराफाती दिमाग और नए तरीके ढूंढने की कोशिश कर रहा है। इसके अलावा 2022 में भी WhatsApp का एक नया फीचर ऐड किया गया WhatsApp पर जिसकी वजह से आसानी से पेमेंट किया जा सके। इसके जरिए अगर कोई बिजनेस फॉर्म कोई कमर्शियल ट्रांजैक्शन करती है तो उसे 3.99% फीस Every Transaction पर देनी होती है लेकिन भारत में तो ऑनलाइन पेमेंट के बहुत सारे प्लेटफॉर्म्स All Redy Running में हैं।

WhatsApp का जन्म कब और कैसे हुआ? 

जिस वजह से फीचर का कोई विशेष लाभ WhatsApp को नहीं हुआ दोस्तों अब जितना खास WhatsApp का बिजनेस मॉडल है उससे कहीं ज्यादा इंटरेस्टिंग इसकी स्टोरी है। तो चलिए समझते हैं कि WhatsApp का जन्म कैसे हुआ और फेसबुक ने कैसे इसे खरीदा “You Never Know What’s Coming to Your Life Next Just Don’t Forget to Try Harder Tomorrow” साल था, 2009 दोस्तों जब एक शख्स फेसबुक के ऑफिस में नौकरी के तलाश में आता है। और उसे यह बोलकर मना कर दिया जाता है।

कि आपकी एबिलिटी इतनी नहीं है कि आप यहां पर जॉब कर सके तो ये शख्स Twitter पर आकर Tweet करता है कि फेसबुक ने मुझे जॉब देने से मना कर दिया है। नए लोगों से कांटेक्ट होने का यह एक अच्छा मौका था, अब मैं एक शानदार मौके की तलाश में हूं कुछ महीने बाद अब Twitter पोस्ट देखकर उनके एक दोस्त का इनके पास कॉल आता है और वह कहता है कि यार मैंने भी फेसबुक में अप्लाई किया था लेकिन मुझे भी जॉब नहीं मिली तब जाकर इस शख्स को कुछ अच्छा फील होता है Twitter पर की गई पोस्ट की बात होने पर इस शख्स को ख्याल आता है। (How Whatsapp Earn Money)

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कि क्यों ना भैया Twitter में जॉब के लिए अप्लाई किया जाए और फिर कुछ महीने बाद यह शख्स नौकरी के तलाश करते हुए एक आशा लेकर Twitter के ऑफिस पहुंच जाता है। लेकिन वहां भी इसके हाथ निराशा ही लगती है अब इस निराशा को किसके साथ वो शेयर करें घर पर भी किसी को नहीं बता सकता तो फिर अब इस शख्स के पास एक ही रास्ता था। और वह था Tweet करना? क्योंकि अब ये शख्स Twitter से रिजेक्ट होने के बाद Twitter पर फिर से Tweet करता है की Twitter में मुझे जॉब अप्लाई करने पर मुझे जॉब नहीं मिली, और अब लगता है मुझे जॉब पाने के लिए एक लंबा सफर करना पड़ेगा।

लेकिन फेसबुक और Twitter से रिजेक्ट होने के बाद इस शख्स ने अपने दोस्त के साथ मिलकर कुछ ऐसा किया जिसके लिए Facebook ने इन दोनों को 19 बिलियन डॉलर देकर काम पर रखा। जी हाँ दोस्तों हम बात कर रहे हैं… WhatsApp को बनाने वाले इस शख्स यानी Brian Acton और उनके दोस्त Jan Koum की जिन्होंने मिलकर WhatsApp को लॉन्च किया। जिसे आज दुनियां का बच्चा-बच्चा जानता है। आपका घर हो फ्रेंड सर्कल हो, रिलेटिव्स हो या फिर ऑफिस आप पाएंगे कि सभी के मोबाइल फोन में और कोई Application हो या ना हो लेकिन भैया WhatsApp तो जरूर मिलेगा। (How Whatsapp Earn Money)

आज WhatsApp हमारी जिंदगी का एक हिस्सा बन चुका है, साल 1972 ई. में माल ढुलाई का काम करने वाली एक लेडी की कोख से USA के मिशिगन में एक बच्चे का जन्म होता है। और इस बच्चे का नाम रखा जाता है Brian Acton बिजनेस करने की बेसिक जानकारी ब्रायन को उनकी मां से मिली जिसमें उन्होंने सीखा की बिजनेस को कैसे रन करते हैं और पैरोल को कैसे कंप्लीट करते हैं और फिर बाद में यह सेंट्रल फ्लोरिडा चले गए और फिर उनकी स्कूली लेक ओवल हाई स्कूल से हुई अपने स्कूलिंग कंप्लीट करने के बाद फिर स्कॉलरशिप बेस पर इंजीनियरिंग करने के लिए University Of Pennsylvania चले गए।

लेकिन 1 साल बाद ही इन्होंने Stanford University में स्टडी करने के चलते इस यूनिवर्सिटी को छोड़ दिया और फिर साल 1994 में इन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन कंप्लीट की इन्होंने अपनी स्टडी के साथ ही अपने करियर की शुरुआत कर भी दी, इनका कैरियर एक ग्रेट एडवेंचर रहा है। क्योंकि 1990 से 1996 तक Rockwell International, Apple और Adobe सिस्टम के लिए काम करने के बाद Brian Acton के पास Yahoo का ऑफर आता है। और फिर 1996 में उन्होंने Yahoo को ज्वाइन कर लिया। और उस समय तक Yahoo में केवल 43 मेंबर ही थे। (How Whatsapp Earn Money)

ऐसे में ब्रायन का नंबर एम्प्लॉई की लिस्ट में 44वां था, इसी बीच साल 1997 में इनकी मुलाकात जेम कॉम से होती है और फिर धीरे-धीरे इन दोनों की दोस्ती गहरी होती चली जाती है। और फिर लगभग 9 साल साथ में काम करने के बाद अपने करियर में प्रोग्रेस को लेकर “Brain Acton” और उनके दोस्त यानी कि “Jan Kaum” 2007 में याहू से रिजाइन कर देते हैं और अब वह दोनों अपने लिए किसी बड़ी कंपनी में जॉब की तलाश करने लगे याहू और एप्पल में कई सालों तक जॉब करने का एक्सपीरियंस लेने के बाद भी इन दोनों का फेसबुक और Twitter जैसी बड़ी कंपनी में जॉब नहीं मिली।

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तो भाई अब आपको समझ में आ गया होगा, कि “Brain Acton” और “Jan Kaum” ही वो दोस्त हैं जिनको फेसबुक में जॉब नहीं मिली थी, वो कहते हैं ना की जो भी होता है अच्छे के लिए होता है भैया कुछ ऐसे ही हुआ था “Brain Acton” और “Jan Kaum” के साथ लेकिन उन्होंने यहां पर हार नहीं मानी? और फिर किसी और कंपनी में जॉब Search करने की जगह उन्होंने अपना खुद का ही कुछ नया बिजनेस स्टार्ट करने के बारे में सोचा 2009 में “Jan Kaum” ने एक आईफोन खरीदा और उन्होंने सोचा की 7 महीने पहले एक ऐप स्टोर को लांच किया गया। (How Whatsapp Earn Money)

और ये स्टोर कुछ ही समय में मोबाइल ऐप की एक न्यू इंडस्ट्री में बदलने वाला है, और फिर यहीं से उनके मन में खुद का ऐप बनाने का आईडिया आता है, “Jan Kaum” शुरू से ही टेक्नोलॉजी ओरिएंटेड थे और फिर ये अपने दोस्त Alex Fishman के पास जाते हैं और एक ऐप डेवलप करने को कहते हैं, इस ऐप्प के फीचर्स को लेकर वो Alex Fishman से वो कई घंटों तक बात करते हैं और जब Alex ने Jan Kaum से इस ऐप के नाम के बारे में पूछा तो इम्मीडिएटली उनके मुंह से इस ऐप का नाम Whatsapp निकलता है क्योंकि ये Whatsapp की तरह ही साउंड करता है जिसका मतलब होता है “क्या चल रहा है”?

और फिर इसके एक हफ्ते बाद ही “Jan Kaum” के 33 में बर्थडे पर 24 फरवरी 2009 को कैलिफोर्निया के माउंटेन व्यू में WhatsApp एंड डॉट कंपनी को रजिस्टर किया जाता है। “Jan Kaum” यूक्रेन के निवासी थे लेकिन 16 साल की उम्र में अपनी मां और दादी के साथ कैलिफोर्निया की माउंटेन व्यू में आकर रहने लगते थे, WhatsApp की शुरुआत में Battery Draining Crashing of the App जैसी प्रॉब्लम्स आई। जिसको लेकर उनके दोस्तों ने इन्हें समझाया कि इसका फीचर तो अच्छा है।

लेकिन यह चल नहीं पायेगा इसको लेकर ये लोग Yahoo के पास भी गए, लेकिन Yahoo ने भी इनकी कोई मदद नहीं की, और फिर इन्होंने अपने आप से ही एक बात कही कि “You’d be an idiot to quit now. Give it a few more months.” यानी अगर तुम इतनी जल्दी हार मान जाते हो तो तुम बेवकूफ हो इसे कुछ और महीने देने चाहिए, और फिर इसी के साथ भैया जून 2009 में आईफोन के एप स्टोर पर WhatsApp का बीटा वर्जन लॉन्च करते हैं। 2009 यह वही साल था जब पहली बार एक बड़ी संख्या में लोगों ने मोबाइल फोन को अपनी जेब में रखना शुरू किया था।

2008 की तुलना में स्मार्टफोन के मार्केट में 24% की ग्रोथ हुई, और लोगों ने जब पहली बार इंटरनेट को सही से एक्सपीरियंस किया बीटा वर्जन में पुश नोटिफिकेशंस को चालू किया गया। इसमें क्या होता था कि जब भी कोई स्टेटस लगाता था तो उसके कॉन्टेक्ट लिस्ट में जितने भी लोग होते थे सभी के पास एक नोटिफिकेशन पहुंच जाता था अब उसके जरिए लोग एक दूसरे को बता सकते थे कि वो उस पार्टिकुलर समय पर क्या कर रहे हैं जैसे अगर कोई जिम में है।

तो वो स्टेटस लगा सकता है, कि AT GYM, ठीक इसी प्रकार I am Busy, I am Driving, I am at Home, I am in the ऑफिस… इससे लोगों को स्टेटस देखकर पता लग जाता था कि इस समय व्यक्ति क्या कर रहा है और वो उसे डिस्टर्ब नहीं करते थे,(How Whatsapp Earn Money) 

उस समय WhatsApp पर मैसेज करने की फैसिलिटी नहीं थी, Only Text status लगाने की सुविधा थी। और फिर धीरे-धीरे लोगों ने इसे मैसेज की तरह यूज़ करना शुरू कर दिया। और फिर “Jan Kaum” ने देखा की लोग तो इससे मैसेज की तरह यूज़ कर रहे हैं। तो क्यों न इसमें मैसेज फीचर को ऐड का दिया जाये। और फिर इसी आइडिया के साथ 27 अगस्त 2009 को WhatsApp 2.2 लॉन्च किया गया जिसमें फ्री मैसेजिंग सर्विसेस को शुरू किया गया और फिर इसके अगले ही साल 2010 में इसे एंड्रॉयड यूजर्स के लिए भी लॉन्च कर दिया गया इसके जरिए उस समय एक ही देश में एक दूसरे को मैसेज सेंड करना बहुत महंगा होता था।

वहीं WhatsApp वर्ल्ड में कहीं भी अनलिमिटेड मैसेज सेंड करने की फैसिलिटी प्रोवाइड कर रहा था। वो भी एकदम फ्री तो उस समय इसके कंपटीशन में Only Blackberry Massenger था, लेकिन इसको केवल ब्लैकबेरी मोबाइल में ही इस्तेमाल किया जा सकता था। मतलब अगर जिसके पास ब्लैकबेरी मोबाइल नहीं है उसको आप मैसेज नहीं कर सकते थे जबकि WhatsApp बहुत ही कम कॉस्ट में पूरे वर्ल्ड में मैसेज सेंड करने की फैसिलिटी प्रोवाइड कर रहा था जिसके चलते व्हाट्सएप कुछ ही समय में अमेरिका को छोड़कर बाकी सब जगह एशिया और यूरोप की कंट्रीज में पॉपुलर हो गया।

अमेरिका में इसलिए नहीं चल पाया क्योंकि वहां पर पहले से कॉलिंग और मैसेजिंग की फ्री फैसेलिटीज थी इस समय तक इसके जरिए ऑनली टेक्स्ट मैसेज सेंड कर सकते थे कोई फोटो या फिर मीडिया फाइल सेंड नहीं हो पाती थी। इसी बीच इस ऐप को चलाने के लिए इन्हें फाइनेंशियल और इमोशनल सपोर्ट की जरूरत थी। जिसके लिए उन्हें उनके दोस्त “Brain Acton” की याद आती है, ब्रायन उस समय कोई जॉब नहीं कर रहे थे तो जैम ने उन्हें व्हाट्सएप को ज्वाइन करने के लिए कन्वेंस किया। और फिर एक नवंबर 2009 को ब्रायन ने WhatsApp को ज्वाइन कर लिया। (How Whatsapp Earn Money)

इतना ही नहीं उन्होंने याहू के पांच और एक्स एम्पलाइज को WhatsApp जॉइन करने और फाइनेंशली सपोर्ट करने के लिए कन्वेंस किया जिसमें उन्होंने तकरीबन 2,50000 डॉलर सीड फंडिंग के रूप में जैम को दिए तो जैम ने “Brain Acton” को “Co-Founder” बना दिया। सीड फंडिंग वो पैसा होता है जो किसी स्टार्टअप को सपोर्ट करने के लिए दिया जाता है, वो भी उस समय जब उस स्टार्टअप से कोई भी अर्निंग ना हो रही हो और फिर याहू के इन सातों एक्स एम्पलाइज ने मिलकर इस कंपनी को आगे बढ़ाया।

और फिर WhatsApp मैसेजिंग की सुविधा के साथ ही लोगों ने पर्सनल SMS Send करना बिल्कुल बंद कर दिया अभी तक इनकी कंपनी बढ़िया चल रही थी क्योंकि ना तो किसी को सैलरी देनी होती थी और ना ही मार्केटिंग में कोई पैसा लेकिन जब भी कोई यूजर इनके App को डाउनलोड करता था तो इन्हें एक वेरिफिकेशन मैसेज भेजना पड़ता था। वैसे तो मैसेज की कॉस्ट मुश्किल से एक रुपये की थी। लेकिन जब यूजर बहुत ज्यादा हो जाए तो ये एक रुपये भी बहुत ज्यादा हो जाता है और फिर इस पैसे को जुटाने के लिए इन्होंने यूजर से .99 डॉलर चार्ज करना शुरू कर दिया।

इसके बावजूद WhatsApp को एक अच्छा रिस्पांस मिला और 2011 तक व्हाट्सएप टॉप 20 App में शामिल हो गया और फिर इन्होंने इसमें एक और फीचर ऐड किया अब इसमें Image और File को Send किया जा सकता था। अब साल 2013 आते-आते इनके यूजर्स 200 मिलियन से भी ज्यादा हो गए और जहां कंपनी में केवल सात लोग काम कर रहे थे अब एम्पलाइज की संख्या भी बढ़कर 50 हो गई इनकी सक्सेस के साथ ही मार्केट में और भी कंपीटीटर्स आ गए थे। (How Whatsapp Earn Money)

जैसे WeChat, Kike, Line, Viber, और फेसबुक मैसेंजर पर शामिल है लेकिन WhatsApp के फीचर्स के आगे भैया कोई भी कंपीटीटर टिक नहीं पाया। अब जैसे की सभी लोग अपनी प्रेम कहानी को WhatsApp चैट से स्टार्ट करके धीरे-धीरे आगे बढ़ाते हैं और फिर घर वाले लड़की की शादी किसी और के साथ कर देते हैं जिसके बाद उनकी यह स्टोरी WhatsApp पर सेव होकर रह जाती है कुछ ऐसी ही कहानी है।

WhatsApp की अपनी खुद की जिसमें WhatsApp को बनाने वाले “Jan Kaum” और “Brain Acton” WhatsApp के माता-पिता है अब क्योंकि यह भी एक लव स्टोरी है तो घर वालों को प्रायोरिटी देना तो बनता ही था, फिर गया था 9 फरवरी 2014 को फेसबुक के सीईओ “Mark Zuckerberg” ने WhatsApp का रिश्ता फेसबुक के साथ तय करने के लिए WhatsApp के माता-पिता यानी “Jan Kaum” और “Brain Acton” को डिनर पर बुलाया एक लंबी बातचीत के बाद WhatsApp का रिश्ता इन दोनों ने मिलकर Facebook के साथ कर दिया करते भी क्यों ना भाई मान सम्मान की बात जो थी।

10 दिन बाद फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अनाउंस कर दिया। कि आज से WhatsApp Facebook का हो गया। मतलब 2014 में फेसबुक के सीईओ “Mark Zuckerberg” ने व्हाट्सएप को 19 बिलियन डॉलर में खरीद लिया जिसके बाद “Jan Kaum” और “Brain Acton” दोनों रातों-रात करोड़पति बन गए।

अब इसमें सबसे अच्छी बात क्या थी वो ये थी, कि फेसबुक ने इनको बोला कि आज से WhatsApp Facebook का प्रोडक्ट होगा, लेकिन इसको जिस तरह से आप चलाते आ रहे हैं इसको उसी तरह से चलाते रहना इसमें Facebook के द्वारा कोई भी इंटरफेयर नहीं किया जाएगा इससे अच्छा ऑफर भला इन दोनों के लिए और क्या ही हो सकता था Facebook से जुड़ते ही WhatsApp का रेवेन्यू केवल 9 महीने में ही 12 लाख 89,000 डॉलर तक पहुंच गया। (How Whatsapp Earn Money)

WhatsApp को बनाने वाले “Jan Kaum” और “Brain Acton” का उद्देश्य कभी भी पैसा कमाना तो था नहीं और उनके द्वारा साल 2016 में WhatsApp को सभी के लिए फिल्हाल फ्री कर दिया गया था, और मानों ऐसा बोला गया हो की जा सिमरन जा जीले अपनी जिंदगी…

वहीं Facebook का WhatsApp को खरीदने का मोटिव केवल पैसा कमाना ही था। अब “Mark Zuckerberg” के इन्वेस्टर ने WhatsApp को लेकर “Mark Zuckerberg” पर प्रेशर बनाना शुरू कर दिया जिस कारण मार्ग “Jan Kaum” और “Brain Acton” पर WhatsApp को Commercial करने के लिए प्रेशर बनाने लगे, और फिर अपने इस मोटिव को पूरा करने के लिए Facebook ने यूजर्स के डाटा का यूज़ करने और एडवर्टाइजमेंट करने का डिसीजन लिया लेकिन कॉम ने हमेशा से ही यूजर के डाटा को सेफ रखने की बात कही और Facebook के इस डिसीजन का विरोध किया।

क्योंकि WhatsApp के दोनों ही फाउंडर एडवर्टाइजमेंट से नफरत करते थे ऐप बनाने के पीछे उनका मेन मोटिव एक ऐसा नॉन कमर्शियल प्लेटफार्म तैयार करना था, जो Safe To Use और Reliable हो, जिसका Use लोग अपने डेटा को लीक होने की चिंता किए बिना कर सके।

वो चाहते तो डेटाबेस को बेचकर भी पैसा कमा सकते थे लेकिन वो यूजर्स की डाटा के प्राइवेसी को लेकर काफी सतर्क थे। उनका कहना है कि WhatsApp को क्रिएट करना उनका जूनून है, आपके डाटा से हमारा कुछ लेना देना नहीं है, अब जब Facebook ने उनकी बात नहीं मानी तो प्राइवेसी इस एग्रीमेंट के चलते सितंबर 2017 को “Brain Acton” ने WhatsApp छोड़ दिया। और फिर इसके 6 महीने बाद 30 अप्रैल 2018 को “Jan Kaum” ने भी WhatsApp से रेजिग्नेशन दे दिया और इस तरह WhatsApp पर Facebook का मालिकाना हक़ हो गया।

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