Real Horror Story | मेरे गांव की भूतिया नहर | सच्ची भूतिया कहानी | My Village Real Horror Story | Breaking News 2024

Real Horror Story तो यह कहानी दरअसल तीन दोस्तों की है, जिसमें से एक का नाम है रजनीश एक का नाम है गौरव और एक का नाम है पीयूष और अगर गांव में किसी भी तरह का कोई भी कार्यक्रम होता तो यह तीनों दोस्त उसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते जिस वजह से गांव के लोग भी उन्हें काफी अच्छा समझते थे।

2019 की सरस्वती पूजा यानी की बसंत पंचमी की बात है जब उनके गांव में सरस्वती माता यानी की बसंत पंचमी के दिन मूर्ति बिठाई जाती थी? (Real Horror Story) और ठीक इसके अगली सुबह इस मूर्ति का विसर्जन बड़े धूमधाम से कर दिया जाता था। अब इन तीनों दोस्तों की तक़रीबन उस समय जो उम्र रही होगी, वो करीबन रही होगी लगभग 17-18 साल की तो यह लोग अब इस साल थोड़ा और बढ़ चढ़कर हर एक काम में पूरा हाँथ बटा रहे थे एक और दोस्त था इनका गौतम नाम था उसका?

तो ये चारों दोस्त मिलकर गांव के सभी लोगों से चंदा इकठ्ठा करके पंडाल बनाये और उसमें प्रतिमा को स्थापित किए और बढ़िया से दिन भर में पूजा हुई और अब बारी आई रात के वक्त की तो इनमें से जो गौरव था उसने बोला कि भई अगर अपन सब लोग सोने के लिए चले जाएंगे तो यहां पर देवी माता की प्रतिमा के पंडाल का कौन ध्यान रखेगा अपन को तो जरुर यहां पर रुकना चाहिए ना क्योंकि सारा काम तो अपन लोग ही करवा रहे हैं और यह सुनने के बाद गौतम भी आगे आया, और उसने बोला कि मैं भी तुम लोगों के साथ यहीं रुक जाता हूँ।

Real Horror Story

उस रात आखिर क्या हुआ इन दोस्तों के साथ (Real Horror Story)

वैसे देखो मुझे इस वक्त बहुत नींद आ रही है और सोना घर जाकर भी है उससे अच्छा यहीं पर दो कुर्सी फंसा के सो जाऊंगा, और यह सुनने के बाद अब सभी लोगों ने अपने-अपने घरों पर बात करी लेकिन कमाल की बात तो यह है की उनसभी के घर वालों ने इस पर हां बोल दी, उसके बाद ये सभी दोस्त वहीं रुक गए रात के तक़रीबन 11:30 बजे होंगे तब तक पंडाल अब पूरी तरह से खाली हो चुका था, और गौतम भी बढ़िया अपना दो चेयर फंसा कर वहीं सो गया, इसके बाद रात के करीब 12:00 बजे होंगे, 

अब इन तीनों दोस्तों को भी हल्की-हल्की नींद आने लगी (Real Horror Story) और यह देखकर रजनीश बोलता हैं कि अरे अपने को सोना नहीं है आज तो रात भर जागना है अगर सोसुआ गए तो लफड़ा हो जाएगा, चलो एक काम करते हैं बाइक उठाते हैं और कहीं से एक राउंड मार के आते हैं घूम फिर के आएंगे तो नींद खुल जाएगी और रात भी अपन लोगों की अच्छे से पंडाल में कट जाएगी, इतने में गौरव कहता है की एक काम करते हैं

पंडाल से तीन-चार डब्बे उठा लेते हैं और आगे की तरफ खेत में जो ताड़ का पेड़ है ना वहां से ताड़ी निकाल कर पियेंगे नशीला तो ताड़ी दिन के वक्त होता है धूप में होता है रात में तो यह बड़ा मीठा-मीठा लगता है मैं पिया हूँ, बहुत मजा आएगा चलो तुम लोग बस मेरे साथ फिर क्या था ये लोग बाइक उठा के निकल पड़े खेत की तरफ 4-5 किलोमीटर की दूरी पर ये खेत था, इसके बाद उस खेत के पास पहुंचकर उन्होंने अपनी बाइक खड़ी किए

लेकिन उस खेत तक पहुँचने के लिए अब इन लोगों के सामने एक छोटी सी नहर थी, और उस नहर को पार करने के लिए उस नहर में एक टूटा-फूटा सा ब्रिज था और उस ब्रिज को पैदल चलते हुए ही क्रॉस करना था फिर वह सामने वाला पेड़ आता उसमें चढ़कर ताड़ को तोड़कर ताड़ी निकालनी थी जिसके बाद ये सब के सब आगे बढ़े फिर आख़िरकार ये तीनों ही दोस्त उस ताड़ के पेड़ के पास पहुंचकर (Real Horror Story) गौरव को पेड़ पर चढ़कर ताड़ निकालने के लिए कहते हैं

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गौरव ने ताड़ के पेड़ पर चढ़कर सही नहीं किया (Real Horror Story)

और गौरव उनकी बात मानकर जैसे ही डब्बा लेकर पेड़ के ऊपर चढ़ा तभी उसकी नजर नीचे की तरफ थोड़ी आगे खड़े हुए एक गंजे आदमी के ऊपर पड़ती है जो बिल्क़ुल अजीब तरीके से गौरव को ही घूर रहा था, और यह देखकर गौरव को लगा कि पता नहीं यार कौन है कौन नहीं चलो इसको अनदेखा करता हूं नहीं तो आवाज लगाकर चिल्लाया या फिर हम लोगों को मारने के लिए दौड़ा लिया तो गड़बड़ हो जायेगा,

क्योंकि पता चले ये उसका ही खेत हो, तो फिर लफड़ा हो जाएगा जिसके बाद अब गौरव ने पूरी तरह से उसको अनदेखा करके तीन डब्बे ताड़ी निकाला और नीचे उतरने लगा लेकिन हैरानी कि बात तो ये थी, कि इतनी देर में ये जो कुछ भी हो रहा था इतनी देर में नीचे जो दो लड़के खड़े हुए थे रजनीश और पीयूष इन दोनों की हालत डर के मारें टाइट हो गई थी क्योंकि यह जो जगह थी यह इतनी भी अच्छी जगह नहीं थी

लोग कहते हैं कि वो जो नहर दिख रही है ना मतलब जिस नहर को ये लोग क्रॉस करके आये थे वहां पर बहुत सारे कांड हुए हैं (Real Horror Story) जिस वजह से वहां पर बहुत सारी आत्माएं भटकती रहती है और कई सारे लोगों ने तो सचमुच में वहां पर भूतों को देखा भी था लेकिन क्या करें अभी इन लोगों को शौक चढ़ा था अपनी रात को मजेदार जो बनाना था इसलिए ये सारी हरकतें वे कर रहे थे हालाँकि रजनीश और पीयूष इन सब बातों से काफी डरते थे

लेकिन गौरव नहीं डरता था और इसी वजह से वो इन सब बातों पर ध्यान दिए बिना ताड़ी निकालने में मस्त था लेकिन नीचे खड़े दोनों ये डरपोक दोस्त फंस गए थे और इन्हीं सब चीजों के बारें में सोच-सोच कर डर रहे थे कि इतने में गौरव नीचे आ गया लेकिन नीचे उतरते वक्त ताड़ के पेड़ में बहुत सारी कुछ-कुछ ऐसी चीजें भी होती हैं, जो टीशर्ट वगैरह में लग जाए तो टीशर्ट में दाग लग सकता है

और ऐसा ही कुछ हुआ गौरव के साथ भी पेड़ से उतरते वक्त उसके टीशर्ट में कुछ दाग लग गया जिसको देखकर गौरव ने बोला अरे यार साला दाग वाग लग गया है मैं इन डब्बों को नीचे रखता हूं और अपने टीशर्ट को नहर में धो लेता हूं (Real Horror Story) तभी उसके दोनों दोस्त बोले नहीं-नहीं भाई नहर की तरफ मत जा हम दोनों को वहां कुछ ठीक नहीं लग रहा हैं लेकिन गौरव उनकी बात सुने बिना ही कहता है अरे तुम लोग भी क्या फालतू बात करते हो क्या यार कुछ नहीं है

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दोनों दोस्तों की बात न सुनना गौरव को पड़ा भारी (Real Horror Story)

नहर वहर में मैं ये सारी चीजों पर विश्वास नहीं करता और जो यह सारी चीजों के ऊपर विश्वास नहीं करता है उसको कुछ नहीं होता है टेंशन मत लो मैं अभी आता हूं ऐसा बोलकर वह नहर की तरफ बढ़ गया और अपनी टीशर्ट उतारा वो डब्बे को ना मैं बताना भूल गया इसके हांथ में जो तीन डब्बे थे ना वो ताड़ी से भरे हुए उसमें से एक डब्बा तो रजनीश ने पकड़ लिया और दूसरा डब्बा पियूष ने पकड़ लिया और एक डब्बा इसने जमीन में बिल्कुल समतल जमीन थी वहां पर रख दिया

अब इसके बाद वो बढ़िया से वहां पर अपनी टीशर्ट धोया और टीशर्ट धोने के बाद वापस से गीली पहन के जैसे ही वो वापस आया तो उसने क्या देखा कि वो डब्बा जो सीधा रखा था समतल जमीन में वह डब्बा पूरा पलटा हुआ था और ताड़ी पूरी नीचे बह गई और यह देखते ही गौरव बोला भाई तुम लोग क्या कर रहे हो देख नहीं रहे हो क्या ताड़ी गिर गई है (Real Horror Story) गौरव के यह कहते ही रजनीश और पियूष उस डब्बे की ओर देखकर कहते है कि यार तूने देखा क्या कि आख़िरकार ये ताड़ी का डब्बा कैसे गिर गई

क्योंकि हम तो यहीं पर खड़े हैं और अपना पैर तक नहीं हिलाएं है इन दोनों की ये बात सुनते ही गौरव भड़क गया और बोला यार इतनी मेहनत से मैं ऊपर चढ़ा और पता नहीं किस आदमी ने मुझे पेड़ पर चढ़ते हुए देख भी लिया था फिर भी तुम लोग इतना ध्यान नहीं रख सकते मैं 2 सेकंड टीशर्ट धोने के लिए क्या गया ताड़ी का पूरा डब्बा ही पलटा दिया तुम लोगों ने खैर अब चलो तुम लोगों के पास तो है ना एक-एक डब्बा ताड़ का तो निकलते हैं

यहाँ से जल्दी उसके बाद अब ये तीनों ही दोस्त अपनी बाइक की ओर बढ़ने लगे आगे-आगे पियूष उसके बाद रजनीश और पीछे-पीछे गौरव अब उनके सामने वही नहर आई और वे सभी धीरे-धीरे उस नहर को क्रॉस करने लगे वो टुटा फूटा सा ब्रिज पकड़-पकड़ के ये तीनों ही दोस्त नहर के बीचो बीच पहुंचे ही होंगे कि तभी (Real Horror Story) गौरव को पीछे से फील हुआ कि उसकी टीशर्ट को किसी ने पकड़ के जोर से खींचा है

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नहर पार करते वक्त गौरव के साथ घटित हुआ कुछ ऐसा (Real Horror Story)

लेकिन नहर पार करने की जल्दी में ये एकदम से ध्यान नहीं दे पाया कि मेरे आगे तो मेरे दोनों दोस्त चल रहे हैं तभी गौरव बोला ए भाई नाटक मत कर इज्जत से चल वैसे ही दिमाग बहुत ज्यादा ख़राब है एक तो ताड़ी गिर गई ऊपर से तुम लोगों को अब मजाक सूझ रहा है तभी उसके दोनों दोस्त जो की सामने चल रहे थे, वो डरे सहमे से गौरव की तरफ देखते हुए बोलते है क्या हुआ गौरव भाई किसको बोल रहे हो तभी गौरव पीछे पलट कर देखता है

तो पीछे कोई नहीं है अब यह देखकर उसका दिमाग खराब हो गया की सचमुच यार मेरी टीशर्ट किसी ने तो पीछे से खींचा हैं फिर सोचा की हो सकता है झाड़ वाड़ बहुत सारे हैं किसी से खिंच गई होगी मुझे ऐसा लगा होगा ख़ैर जानें दो फिर ये लोग चलने लगे और नहर क्रॉस करने लगे लेकिन कुछ दूर चलने के बाद एक बार फिर से गौरव को फील हुआ कि उसके साथ-साथ कोई चल रहा है और जोर-जोर से सांस ले रहा है अभी रात का समय है सुनसान इलाका है जरा सी भी आवाज सांस लेने तक की आवाज गूंजेगी तो इसको बहुत क्लियर आवाज आ रही थी

जिसको सुनकर गौरव फिर से तुरंत अपने मोबाइल का फ्लैशलाइट जलाया और पीछे पलट कर देखा तो पीछे कोई भी नहीं था, यह देखकर गौरव बोला भई ये क्या सीन है यार ये क्या हो रहा है तभी पियूष और रजनीश बोलते हैं क्या हो गया भाई गौरव किसको देख रहे हो पीछे तभी गौरव ने कहा नहीं नहीं किसी को नहीं चलते रहो चलते रहो तभी ये लोग चलते-चलते बाइक के पास पहुंचे और बाइक में बैठकर बाइक को स्टार्ट करने लगे लेकिन बाइक स्टार्ट ही नहीं हुई

बाइक को लग गया इस चीज का साया (Real Horror Story)

जबकि जो बाइक थी, ना वो गौरव के भाई की थी जो की हाल फिलहाल में ही उसको तिलक में मिली हुई थी वो भी करीब 15 दिन पहले ही एकदम नई नवेली बाइक थी जो अब स्टार्ट ही नहीं हो रही है किक मार-मार के मार-मार के थक गए लेकिन बाइक स्टार्ट ही नहीं हो रही है फिर पियूष ने बोला की रजनीश तू ये डब्बा पकड़ मैं बाइक स्टार्ट करके देखता हूँ फिर पियूष भी किक मार रहा है लेकिन पियूष से भी बाइक स्टार्ट नहीं हुई

लगभग 15-20 मिनट बीत गए बोले गाड़ी स्टार्ट क्यों नहीं हो रही है यार ये लोग कुछ आगे और भी सोच पाते कि अचानक से इनको पीछे की तरफ से मतलब ठीक नहर वाली तरफ से किसी औरत की चूड़ी फोड़ते हुए रोने की आवाज आने लगी मतलब पहले तो सिर्फ चूड़ी फोड़ने की आवाज आई और फिर एक दो सेकंड के बाद फिर जोर-जोर से रोने की आवाज आने लगी जिसको सुनकर ये तीनों ही घबरा गए कि अभी तक इतनी देर से तो यहां पर हम तीनों ही अकेले थे और हमारे अलावा यहाँ पर कोई भी नहीं था

लेकिन अब ये औरत कहाँ से रोने लगी तभी रजनीश इन सब चीजों से थोड़ा और ज्यादा घबराया हुआ था और वो बोलता है कि चलो भाई यहाँ से बढ़ चलते हैं क्योंकि मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा है तभी इन लोगों ने बोला भाई बाइक छोड़कर कैसे बढ़ जाए रुको अच्छे से किक मारते हैं लेकिन फिर भी बाइक स्टार्ट नहीं हुई तभी पीछे से एक और किसी के रोने की आवाज शुरू हो गई लेकिन इस बार ये आवाज किसी बूढ़े आदमी के रोने की आवाज थी

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आखिर उस रात इन तीनों को किसकी आवाज सुनाई दे रही थी (Real Horror Story)

और इस आवाज को सुनकर इन लोगों के मन में ऐसा लगा की जरूर यहां पर कुछ तो गड़बड़ है लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी तभी इनके राइट साइड से भी किसी के जोर-जोर से बात करने की आवाज आने लगी और लेफ्ट साइड में किसी की जोर-जोर से हंसने की आवाज चारों तरफ से आ रही थी वहीं देखा जाए तो इन लोगों को अजीबो गरीब आवाजें आने लगी इतने में गौरव जो इन सब चीजों से नहीं डरता था उसने बोला कि एक काम करते हैं भाई बाइक में मैं बैठता हूं तुम लोग धक्का मारो गियर दबाकर अपन स्टार्ट करने की कोशिश करेंगे

क्योंकि यहां से अब हम लोगों को तुरंत निकालना पड़ेगा यह सुनते ही पियूष बाइक में धक्का मारने लगा और रजनीश अपने दोनों हांथों में ताड़ी के डब्बे लिए बाइक के पीछे भागता है लेकिन फिर भी बाइक स्टार्ट नहीं हो रही है और पीछे से अजीबोगरीब आवाजें अब और भी तेजी से उनके पास आ रही थी इतने में अचानक से रजनीश की नजर पड़ी थोड़ी आगे की तरफ लेफ्ट साइड में तो वो क्या देखता है कि वही गांजा इंसान जो की बहुत डरावना दिखाई दे रहा है

मतलब पूरी तरीके से उसका जो चेहरा है ना वो पिघल रहा है टप-टप इतना डरावना दिखाई दे रहा है, आँखे वग़ैरा कुछ नहीं है थोड़ी यह चांदनी रात थी इसलिए वो क्लियर दिख रहा था जबकि वो बहुत आगे भी नहीं खड़ा हुआ था, उसके हाथ में एक कुल्हाड़ी थी और वह इनको बड़ी ऐसी नजरों से देख रहा था कि मानों तुम लोग थोड़ा और आगे बढ़ो और मैं तुम्हारा खेल खत्म करता हूं तभी रजनीश ने ये नोटिस किया बोला ये ताड़ी के डब्बे जाएँ भाड़ में यहां से भागना पड़ेगा और उसने जैसे ही बाइक को धक्का मारने के लिए ताड़ी जमीन में रखा है

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कि आवाजें सारी बंद ये देखकर ये तीनों पूरी तरह से शॉक बोले अरे इतनी जोर-जोर से जो आवाजें आ रही थी ये सारी आवाजें बंद कैसे हो गई तभी रजनीश ने तुरंत उस तरफ देखा लेफ्ट के आगे की तरफ तो वो आदमी भी वहां से गायब हो चुका था अचानक से रजनीश कुछ तो समझ गया था फिर उसने तुरंत पीछे देखा ताड़ी की तरफ तो वह समतल जमीन थी जहां पर उसने ताड़ी रखा था तो ये दोनों डब्बे पलटे हुए थे और पूरी ताड़ी नीचे बह गई जिसे देखकर रजनीश अंदर ही अंदर समझ गया कि भई यह सीन क्या है

आख़िरकार उस ताड़ी में ऐसा क्या था (Real Horror Story)

लेकिन इतने में गौरव यह देखकर बोला साले तूने ताड़ी क्यों नीचे रख दी एक तो इतनी मेहनत करके यहां पर आए एक वहां पर तुम लोगों ने गिरवा दी और दो डिब्बे यहां पर तूने गिरा दिया मतलब क्या सीन क्या चल रहा है तभी रजनीश ने बोलता है कि भई यहाँ से जल्दी निकलो मैं भलाई के लिए बोल रहा हूं मैं सब समझाता हूँ, लेकिन पहले हमलोग यहां से निकलते हैं गौरव खुन्नस में तो था ही और खुन्नस में ही एक किक मारा उसने तो बाइक स्टार्ट हो गई यह देखकर गौरव बोलता है कि अरे ये बाइक तो अभी इतनी मेहनत करने से स्टार्ट नहीं हो रही थी

लेकिन अभी स्टार्ट कैसे हो गई रजनीश ने फिर तुरंत बोला यहाँ पर ही सारी बात करोगे क्या जल्दी बैठो और निकलो यहाँ से तभी तीनों बाइक में बैठे और तेजी से ये लोग पंडाल की तरफ निकले और जैसे ही ये लोग आधे रास्ते में पहुंचे ही होंगे मतलब वो पॉइंट से जहां से बाइक स्टार्ट हुई है वहां से आधे रास्ते में पहुंचे थे और जंगल खत्म होने ही वाला ही था उतने में इन लोगों को पीछे से एक अजीब सी आवाज आती है बहुत जोर से चिल्लाने की किस्मत अच्छी थी तुम्हारी जो सही समय पर समझ गए और तुम्हारा यह पहली बार था

इसलिए हम तुम्हें जाने दे रहे हैं वरना हम किसी को इस तरह से अपनी चीजें लेकर रात के समय अपनी जगह से निकलने नहीं देते हैं ये सुनकर इन लोगों का दिमाग ख़राब बोले ये क्या था इतनी जोर से जंगल की ओर से यह कौन चिल्ला रहा है तभी रजनीश बोलता है और तेज से भगा जितना तेज हो सके उतना तेज से भगा दे बाइक और इसके बाद ये सभी दोस्त किसी तरह से अपने पंडाल के पास पहुंचकर बोलते हैं

कि भई ये सभी जो चीजें अपने साथ हो रही थी न ये सभी चीजें ना अपन लोगों को कोई बना रहा था वहां पर ना कुछ लोगों का ग्रुप था जो अपने को ना डराने की कोशिश कर रहे थे, इसलिए वो दिखाई नहीं दे रहे थे बस हमलोग को इसलिए उनकी आवाजें सुनाई दे रही थी, जिसे सुनकर रजनीश ने इन लोगों को बताया देखो भई मैनें ना ये बात ना अपने पापा से सुना हुआ था, कि वो नहर के आगे वो जो ताड़ का पेड़ है ना मतलब केवल वो ताड़ का पेड़ नहीं और भी जो ताड़ के पेड़ होते हैं ना वहां पर कई तरह की शक्तियों का वास होता है

कई बार पॉजिटिव एनर्जी का तो कई बार नेगेटिव एनर्जी का तो कई बार रक्षकों का गांव के रखवालों का लेकिन अपने को जो वो ताड़ का पेड़ है खेत के वहां पर किनका वास है मुझे पता नहीं लेकिन हम रात में एक ऐसी जगह पर गए जिसके बारे में गांव के लोग कुछ बहुत अच्छा नहीं कहते हैं वहां पर हम लोग रात के समय पेड़ में चढ़े ताड़ी निकालें और हम लोग रिटर्न आने लगे हमने सोचा की आसानी से हमलोग वहां से निकल जाएंगे मैंने हमेशा से देखा हुआ हूं कि जब कभी भी ताड़ी निकाली जाती है ना तो पहले ताड़ी के पेड़ के नीचे थोड़ी चढ़ाई जाती है

एक तरीके से वहां पर जो कोई भी वास करता है उनको अर्पित करके उनसे परमिशन ली जाती है कि हम इस ताड़ी का उपयोग करने जा रहे हैं हमें परमिशन दे दो तभी जाकर उपयोग में ला पाते हैं लेकिन हम लोगों ने तो यह सब कुछ भी नहीं किया है गौरव रजनीश को बोलता है कि भाई जब तुझे इतना कुछ मालूम था तो तूने उसी समय क्यों नहीं बोला वैसे मैं इन सारी चीजों के ऊपर विश्वास नहीं करता छोड़ जाने दे फिर ऐसा बोलकर यह लोग वहीं पर अपना आराम किये और सुबह का वक्त हो गया

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सब अपने-अपने घर गए फिर गौरव ने एक बार अपने पापा से भी ये बात पूछा पापा ऐसा कुछ भी हैक्या कि ताड़ी के पेड़ में किसी का वास है क्या और अगर ताड़ के पेड़ से ताड़ी निकालना हो तो क्या उनकी परमिशन लेनी पड़ती है तो यह सुनकर गौरव के पापा बोलते हैं कि अपने गांव वाले ही नहीं भई हर गांव के पेड़ में होता है ताड़ी के पेड़ से अगर ताड़ी निकालो तो सचमुच चढ़ाना ही पड़ता है क्योंकि वहां पर किसी भी तरह के नेगेटिव एनर्जी हो पॉजिटिव एनर्जी हो उससे परमिशन लेनी पड़ती है

और तब जाकर तुम उपयोग में ला सकते हो वरना तुम्हारे साथ कोई भी दुर्घटना हो सकती है कुछ भी हो सकता है फिर पापा बोलते हैं कि तुम लोग कहीं वहां गए तो नहीं हो ना तुम ऐसे क्यों पूछ रहे हो अचानक से तभी गौरव बोलता है नहीं-नहीं मैं तो बस ऐसे ही पूछ रहा था यहां पर गौरव को भी विश्वास हो गया कि ऐसी सारी चीजें  इस दुनिया में होती है और उसके बाद से गौरव ने और उसके दोनों दोस्तों ने भी इन चीजों पर थोड़ा-थोड़ा विश्वास करना शुरू कर दिया और इन लोगों ने इस घटना के बाद ये कसम खा लिया

कि रात में बाइक से घूमने के लिए नहीं जाएंगे और अगर घूमने के लिए गए भी तो ऐसी हरकतें बिल्क़ुल नहीं करेंगे कि कोई भी पेड़ में चढ़ रहे हैं चीजें तोड़ रहे हैं कुछ हरकत समझ में आ रही है तो वहां से निकल नहीं रहे हैं क्योंकि इन लोगों की किस्मत अच्छी थी जो जान बच गई वरना कोई भी इतनी आसानी से जिन्दा बच नहीं पाता एक बार वो नेगेटिव एनर्जीस के चुंगल में आ जाए। तो क्या आप भी इन सारी चीजों पर विश्वास करते है या नहीं और अगर करते हैं तो ऐसी ही Real Horror Story सुनने के लिए बने रहिए हमारे साथ मिलते हैं एक और नई कहानी के साथ…

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